कृषि उपकरणों और मशीनरी पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी-एफआईएम) वी पंचवर्षीय योजना अवधि (पत्र संख्या 26(10)/73-एई दिनांक 21 मई, 1975 के माध्यम से) के दौरान आईएआरआई, न्यू के साथ छह केंद्रों के साथ शुरू की गई थी। दिल्ली समन्वय केंद्र के रूप में। योजना के समन्वय कक्ष को सितंबर, 1977 में सीआईएई, भोपाल में स्थानांतरित कर दिया गया था। इस परियोजना ने विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के दौरान भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अपने क्षितिज का विस्तार किया। यह परियोजना बारहवीं पंचवर्षीय योजना (आईसीएआर पत्र संख्या ए.इंजी./6/4/2011/आईए-II(एई) दिनांक 1 जनवरी, 2015 के अनुसार) में रुपये के कुल योजना परिव्यय के साथ कार्य करना जारी रखती है। 25 केंद्रों पर 7178 लाख। केंद्र पांच अलग-अलग गतिविधियों में लगे हुए हैं, अर्थात् अनुसंधान और विकास, प्रोटोटाइप निर्माण, प्रोटोटाइप व्यवहार्यता परीक्षण, फ्रंट लाइन प्रदर्शन और उन्नत कृषि उपकरणों और मशीनरी की कस्टम हायरिंग।
विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों, फसलों और संचालन के लिए बेहतर कृषि उपकरण और मशीनरी की मशीनीकरण अंतराल और भविष्य की जरूरतों की पहचान करना, और अनुसंधान और विकास, प्रोटोटाइप उत्पादन, व्यवहार्यता परीक्षण, फ्रंट लाइन प्रदर्शन का संचालन करना और कृषि उपकरण और मशीनरी की कस्टम हायरिंग को बढ़ावा देना। पहचानी गई मशीनीकरण कमियों को पाटना।
कृषि उपकरणों और मशीनरी पर एआईसीआरपी के उद्देश्य इस प्रकार हैं:
आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग,
नबीबाग, बैरसिया रोड, भोपाल - 462 038
फ़ोन: 0755-2521163
ईमेल : Kamal.Agrawal@icar.gov.in
S. नहीं | केंद्र का नाम | प्रधान अन्वेषक एवं amp; स्थान | फोन,
फैक्स नं., ई-मेल पता |
गतिविधि | ||
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R&D | पीएमडब्लू | पीएफटी/एफएलडी | ||||
1. | आईसीएआर-सीआईएई, भोपाल | डॉ. चेतन कुमार सावंत वैज्ञानिक एवं प्रधान अन्वेषक (एफआईएम), कृषि यंत्रीकरण विभाग आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, नबी-बाग, बेरासिया रोड, भोपाल-462038 (म.प्र.) |
दूरभाष: +91-755-2521230 ईमेल: Chetankumar.Sawant@icar.gov.in |
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2. | टीएनएयू, कोयंबटूर | डॉ. डी. मनोहर जेसुदास प्रमुख, कृषि मशीनरी अनुसंधान केंद्र एवं प्रधान अन्वेषक (एफआईएम प्रोजेक्ट), कॉलेज ऑफ कृषि. इंजी., तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर - 641003 (टी.एन.) |
टेलीफ़ैक्स: 91-422-2457576 फैक्स: 91-422-2431672(डीन) मोबाइल: 91-9443373642 ईमेल: zrc@tnau.ac.in; manohar.dmj@gmail.com |
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3. | पीएयू, लुधियाना | डॉ. जी एस मानेस प्रधान अन्वेषक (एफआईएम परियोजना), कृषि मशीनरी एवं कृषि विभाग पावर इंजीनियरिंग, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना - 141004 (पंजाब) |
टेलीफ़ैक्स: 91-161-2408684, फैक्स: 91-161-2402896, 2402456 भीड़: 91-9815959515 ईमेल: manesgs@rediffmail.com; |
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4. | एमपीकेवी, राहुरी | एर. टी.बी. बस्तेवाड प्रोफेसर एवं प्रधान अन्वेषक (एफआईएम परियोजना), महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी-413722, जिला. अहमदनगर (महाराष्ट्र) |
टेलीफ़ैक्स: 91-2426-243219, फैक्स: 91-2426-233326 मोबाइल: 91-9423342941 ईमेल: fimmpkv@gmail.com; bastewadtb71@gmail.com |
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5. | पीजेटीएसएयू, हैदराबाद | डॉ. पी सुधाकर रेड्डी वरिष्ठ वैज्ञानिक (एजी. इंजीनियरिंग) एवं प्रभारी प्रमुख, कृषि अनुसंधान संस्थान, एफआईएम योजना, प्रो. जया शंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय, राजेंद्रनगर, हैदराबाद – 500030 (तेलंगाना) |
टेलीफ़ैक्स : 91-40-24018277, मोबाइल: 91-8106211166 ईमेल: fimscheme@gmail.com; psrfim@gmail.com |
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6. | आईसीएआर-आरसीएनईएच, बारापानी | एर. हुइड्रोम दयानंद सिंह वैज्ञानिक (एफएमपी) एवं प्रधान अन्वेषक (एफआईएम परियोजना), कृषि विभाग। इंजी. एनईएच क्षेत्र के लिए आईसीएआर अनुसंधान परिसर, उमियाम (बारापानी) - 793103, शिलांग (मेघालय) |
टेलीः 91-364-2570276 फैक्स: 91-364-2570213 मोब: 91-7065234979 & 07004464599 ईमेल : dayamangang@gmail.com |
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7. | MPUAT, Udaipur | डॉ. जी एस तिवारी प्रधान अन्वेषक (एफआईएम परियोजना) फार्म मशीनरी और पावर इंजीनियरिंग विभाग, प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय इंजीनियरिंग,महाराणा प्रताप कृषि एवं कृषि विश्वविद्यालय प्रौद्योगिकी, उदयपुर-313001 (राजस्थान) |
दूरभाष: 91-294-2470119 फैक्स: 91-294-2471056 मोबाइल: 91-9413208577 ईमेल:tiwarigsin@yahoo.com |
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8. | आईआईटी, खड़गपुर | डॉ. वी के तिवारी प्रोफेसर एवं सिर विभाग एग्रील का. & फ़ूड इंजी. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर - 721302 (पश्चिम बंगाल) |
टेलीः 91-3222-283152(O), 283153(R) फैक्स: 91-3222-282244, 283152 मोबाइल: 91-9434014171 ईमेल: prof.vktewari@gmail.com |
check | check | check | 9. | सीसीएसएचएयू, हिसार | एर. एस मुकेश प्रधान अन्वेषक (एफआईएम परियोजना) फार्म मशीनरी और पावर इंजीनियरिंग विभाग, सीसीएस हरियाणा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय हिसार – 125004 (हरियाणा) |
दूरभाष: 91-1662-231171-73 फैक्स: 91-1662-284304, 240255 मोबाइल: 91-9416397798 ईमेल: mukeshjainhisar@rediffmail. com |
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10. | जेएयू, जूनागढ़ | डॉ. केबी झाला प्रधान अन्वेषक (एफआईएम परियोजना), फार्म मशीनरी एवं amp; विभाग; पावर, कॉलेज ऑफ कृषि. इंजी. & टेक., जेएयू, जूनागढ़ - 362001 (गुजरात) |
दूरभाष: 91-285-2672133, 0285-2672080-90 विस्तार. 463, 390, फैक्स: 91-285-2671018 मोबाइल: 91-9427212945 ईमेल:jhalakb1960@yahoo.com; jhalakb@jau.in ; fim2015@jau.in |
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11. | आईसीएआर-आईआईएसआर, लखनऊ | डॉ. अखिलेश कुमार सिंह प्रमुख, इंजीनियरिंग विभाग एवं प्रधान अन्वेषक (एफआईएम प्रोजेक्ट), आईसीएआर - भारतीय संस्थान का गन्ना अनुसंधान लखनऊ – 226002 (उत्तर प्रदेश) |
दूरभाष: 91-522-2480735, 2459091(आर) फैक्स: 91-522-2480738 (निदेशक) मोबाइल: 91-9415780095 ईमेल: aksingh8375@gmail.com |
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12. | बीएयू, रांची | डॉ. उत्तम कुमार प्रधान अन्वेषक (एफआईएम परियोजना), विभाग। एग्रील का. इंजी., बिरसा एग्रील. विश्वविद्यालय, कांके, रांची – 834006 (झारखंड) |
दूरभाष: 91-651-2450622 फैक्स: 91-651-2450850, 2450073 मोबाइल: 91-9470956961 ईमेल : uttam.bauranchi@gmail.com; uttamkumar@bauranchi.org |
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13. | ओयूएटी, भुवनेश्वर | डॉ. पी. एल. प्रधान प्रधान अन्वेषक (एफआईएम परियोजना) कृषि महाविद्यालय. इंजीनियरिंग, उड़ीसा कृषि विश्वविद्यालय और amp; प्रौद्योगिकी, भुवनेश्वर - 751003 (ओडिशा) |
टेलीः 91-674-2561425 फैक्स: 91-674-2562360, 2407780 मोबाइल: 91-9437184342 ईमेल: plp_ouat@yahoo.co.in |
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14. | अंगराउ, गुंटूर | एर. जी. वीरप्रसाद सहायक प्रोफेसर (एफएमपी) एफआईएम - एआईसीआरपी कृषि महाविद्यालय इंजीनियरिंग (सीएई), बापटला - 522101, गुंटूर (आंध्र प्रदेश) |
टेलीः 91-8643-222851 फैक्स: 91-8643-224068 मोबाइल: 91-9848186842 ईमेल: veeraprasad18@gmail.com; fimbapatla2015@gmail.com |
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15. | आरएयू, पूसा | डॉ. पीके प्रणव एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रधान अन्वेषक (एफआईएम परियोजना), कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर - 848125 (बिहार) |
टेलीफैक्स: 91-6274-240270 फैक्स: 91-6274-240255 मोब: 91-9436228995 & 8131871910 ईमेल: pkjha78@gmail.com; pkpranav@rpcau.ac.in & pi.fim@rpcau.ac.in |
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16. | आईजीकेवी, रायपुर | डॉ. आर. के. नाइक एसोसिएट प्रोफेसर (एसएस) (फार्म मशीनरी और पावर), एसवीसीएईटी और amp; आरएस, संकाय कृषि अभियांत्रिकी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर – 491012 (छत्तीसगढ़) |
टेलीफ़ैक्स: 91-771-2443035 मोबाइल: 91-7470986744 ईमेल: rknaik1@rediffmail.com |
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17. | जेएनकेवीवी, जबलपुर | डॉ. अतुल कुमार श्रीवास्तव प्रोफेसर एवं प्रमुख, कृषि विद्युत एवं कृषि विभाग मशीनरी, कृषि महाविद्यालय इंजीनियरिंग, जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय, जबलपुर - 482004 (म.प्र.) |
दूरभाष: 91-761-2353807(O), फैक्स: 91-761-2353314, मोबाइल: 91-9424308109, ईमेल: atul_jnkvv@yahoo.com |
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18. | केएयू, त्रिशूर | डॉ. शाजी जेम्स पी प्रोफेसर एवं प्रधान अन्वेषक (एफआईएम प्रोजेक्ट), केलप्पाजी कॉलेज ऑफ एग्रील। इंजी. & टेक., केएयू, तवनूर- 679573 (केरल) |
दूरभाष: 91-494-2686214 फैक्स: 91-494-2686009 मोबाइल: 91-9447924629 ईमेल: shajijames.p@kau.in; shajijamesp@gmail.com |
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19. | डॉ. पीडीकेवी, अकोला |
एर. ए.वी. गजकोस |
टेलीः 91-724-2258405 फैक्स: 91-724-258219 मोबाइल: 91-9421136163 ईमेल:avgajakos@gmail.com |
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20. | यूएएस, रायचूर | डॉ. सुशीलेन्द्र प्रधान अन्वेषक (एफआईएम परियोजना), कृषि महाविद्यालय. इंजी. कृषि विश्वविद्यालय. विज्ञान पी.बी. नंबर 329, लिंगसुगुर रोड रायचूर-584101 (कर्नाटक) |
दूरभाष: 91-8532-221480 फैक्स: 91-8532-220079 मोबाइल: 91-9448933556 ईमेल: ersushilendra@gmail.com |
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21. | शुआट्स, इलाहाबाद | डॉ. शीन सी. मूसा प्रधान अन्वेषक (एफआईएम प्रोजेक्ट), फार्म मशीनरी और पावर इंजीनियरिंग विभाग, सैम हिगिनबॉटम कृषि प्रौद्योगिकी और विज्ञान विश्वविद्यालय, इलाहाबाद - 211007 (उत्तर)। प्रदेश) |
टेलीफैक्स: 91-532-2684394 मोबाइल: 91-9565399485, 7388932829, 9918293503 ईमेल: sheencmoses@yahoo.com; sheen.moses@shiats.edu.in; rana_aalam@yahoo.com |
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22. | आईसीएआर-आईजीएफआरआई, झाँसी | डॉ. सी. एस. सहाय प्रधान अन्वेषक (एफआईएम प्रोजेक्ट), एफएम एवं amp; विभाग; पीएचटी आईसीएआर - आईजीएफआरआई, झाँसी-ग्वालियर रोड, पहुज बांध झाँसी - 284003 (उत्तर प्रदेश) |
दूरभाष: 91-510-2730148 (आर) फैक्स: 91-510-2730833 मोबाइल: 91-9415945695 ईमेल:sahaycs@yahoo.com; |
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23. | आईसीएआर-आईजीएफआरआई, झाँसी | डॉ. सी. एस. सहाय प्रधान अन्वेषक (एफआईएम प्रोजेक्ट), एफएम एवं amp; विभाग; पीएचटी आईसीएआर - आईजीएफआरआई, झाँसी-ग्वालियर रोड, पहुज बांध झाँसी - 284003 (उत्तर प्रदेश) |
दूरभाष: 91-510-2730148 (आर) फैक्स: 91-510-2730833 मोबाइल: 91-9415945695 ईमेल sangramkishorsatpathy@gmail.com |
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24. | एएयू, जोरहाट | एर. मानस ज्योति बरूआ प्रधान अन्वेषक (एफआईएम परियोजना), विभाग। एग्रील का. इंजी. असम कृषि विश्वविद्यालय जोरहाट – 785013 (असम) |
दूरभाष: 91-376-2340102 फैक्स: 91-376-2320939, मोबाइल: 91-9435246653 ईमेल:mbarooah15@gmail.com |
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25. | यूएएस, बेंगलुरु | डॉ. पी. थिम्मे गौड़ा वरिष्ठ फार्म अधीक्षक & प्रधान अन्वेषक कृषि उपकरणों और मशीनरी पर एआईसीआरपी, क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान स्टेशन, वी.सी. खेत, मांड्या - 571405 (कर्नाटक) |
टेलीः 91-8232-277275 फैक्स: 91-8232-277966, मोबाइल: 91- 9972067066 ईमेल: thimmegowdap@gmail.com fim.uasb@gmail.com |
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बरसीम/ल्यूसर्न और प्याज की फसलों की बुआई के लिए चेक बेसिन बनाने के लिए 2014 में एमपीकेवी, राहुरी में एक ट्रैक्टर संचालित चेक बेसिन विकसित किया गया है। इसमें स्क्रैपर, कलेक्टर और डिस्ट्रीब्यूटर एक सामान्य फ्रेम पर लगे होते हैं और वी-आकार का ब्लेड बेसिन के सामने जुड़ा होता है। मशीन एक ही पास में 6 मीटर के नियमित अंतराल पर साइड बंड और क्रॉस बंड बनाने के लिए एकत्रित मिट्टी को स्क्रैप करती है, एकत्र करती है और समान रूप से वितरित करती है। इसे ट्रैक्टर थ्री पॉइंट लिंकेज सिस्टम की मदद से बांध बनाने के लिए आसानी से ऊपर/नीचे किया जा सकता है। पारंपरिक मैनुअल विधि की तुलना में मशीन संचालन लागत और समय में क्रमशः 1425 रुपये प्रति हेक्टेयर (32%) और 96% की बचत करती है। मशीन की लागत और संचालन की लागत क्रमशः 70000 रुपये और 3075 रुपये/हेक्टेयर है।
2016 में टीएनएयू, कोयंबटूर में नियंत्रित स्तर की पोखरिंग के लिए एक ट्रैक्टर संचालित प्रणाली विकसित की गई है। यह प्रणाली व्यावसायिक रूप से उपलब्ध लेजर ट्रांसमीटर, रिसीवर और नियंत्रण बॉक्स का उपयोग करती है। रिसीवर को एक रोटरी टिलर में लगे मस्तूल के ऊपर लगाया जाता है। लेजर निर्देशित नियंत्रित पुडलिंग ऑपरेशन समतल पुडल हार्ड पैन के मामले में बहुत फायदेमंद साबित हुए और कुशल यांत्रिक प्रत्यारोपण में भी सफल रहे। नियंत्रित पोखर उत्पादकता में सुधार और पानी की खपत को कम करने के लिए लेजर स्तर नियंत्रक का उपयोग करके पोखरिंग मशीनरी के संचालन की गहराई को बनाए रखने में मदद करता है। मशीन की लागत और संचालन की लागत क्रमशः 400000 रुपये और 2300 रुपये/हेक्टेयर है।
एनईएच क्षेत्र की छतों और घाटी भूमि में मक्का, सोयाबीन और मटर की फसल बोने के लिए 2013 में आरसीएनईएच, बारापानी में एक हल्के वजन वाले पावर टिलर संचालित 3 पंक्ति इनक्लाइन प्लेट प्लांटर को डिजाइन और विकसित किया गया है। पावर को ग्राउंड ड्राइव व्हील से सीड फीड शाफ्ट तक चेन, स्प्रोकेट और बेवल गियर के एक सेट के माध्यम से प्रेषित किया जाता है। प्लांटर की पंक्ति से पंक्ति की दूरी टूल बार पर फ़रो ओपनर्स को स्लाइड करके समायोज्य होती है। बीज प्लेटों को बदलकर और संचरण अनुपात को बदलकर विभिन्न फसलें बोई जा सकती हैं। देशी हल से हाथ से बुआई करने की तुलना में छत पर बुआई करने पर बुआई की लागत में 52%, मेहनत में 92 प्रतिशत तथा समय में 85 प्रतिशत की बचत होती है। मशीन की लागत और संचालन की लागत क्रमशः 12,000 रुपये और 1,600 रुपये/हेक्टेयर है।
प्याज जैसे छोटे बीज बोने के लिए 2015 में पीएयू, लुधियाना में एक ट्रैक्टर संचालित छह पंक्ति वाला प्लांटर विकसित किया गया है। इसमें मीटरिंग मैकेनिज्म, प्रत्येक पंक्ति के लिए सीड हॉपर, फ़रो ओपनर्स और तीन पॉइंट हिच सिस्टम शामिल हैं। मीटरिंग प्लेट प्लास्टिक से बनी होती है। मशीन की पंक्ति से पंक्ति की दूरी 150 मिमी है जबकि पौधे से पौधे की दूरी को अलग-अलग संख्या में पायदानों वाली प्लेट को बदलकर या स्प्रोकेट को बदलकर बदला जा सकता है। फसल की खुदाई के लिए सब्जी खोदने वाले उपकरण के अनुरूप बुआई 1.0 मीटर की ऊपरी चौड़ाई वाले बिस्तरों पर की जाती है। प्याज की बुआई की पारंपरिक विधि की तुलना में परिचालन लागत में लगभग 50% और श्रम आवश्यकता में 81% की बचत हुई। मशीन की कीमत 80,000 रुपये है।
2015 में पीएयू, लुधियाना में एक ट्रैक्टर माउंटेड लहसुन प्लांटर विकसित किया गया है। इसमें बीज मीटरिंग प्लेट, सीड हॉपर, एजिटेटर और बीज कवरिंग डिवाइस शामिल हैं। मीटरिंग प्लेट में डिस्क की पार्श्व परिधि पर लगे 14 स्प्रिंग लोडेड चम्मच होते हैं। लहसुन बोने की मशीन का मूल्यांकन 1.0 मीटर चौड़ी क्यारियों पर लहसुन (पंजाब लहसुन 1 किस्म) की बुआई के लिए किया जाता है। बीज हॉपर में प्रवेश करने से पहले चम्मच को खोलने के लिए एक कैम प्रदान किया जाता है। मैन्युअल रोपण की तुलना में श्रम की आवश्यकता में 82% की बचत। मशीन की लागत और श्रम की आवश्यकता क्रमशः 150,000 रुपये और 81 व्यक्ति-घंटा/हेक्टेयर है।
हल्दी प्रकंद की मेड़ बनाने और रोपण के लिए 2015 में टीएनएयू, कोयंबटूर में तीन पंक्तियों वाला ट्रैक्टर संचालित हल्दी प्रकंद प्लांटर डिजाइन और विकसित किया गया है। प्लांटर में तीन रिजर बॉटम्स और एक पास में मेड़ों के एक तरफ रोपण के लिए रोपण तंत्र होता है। आवश्यक दूरी पर एक समय में तीन पंक्तियाँ लगाई जा सकती हैं। प्लांटर की पंक्ति से पंक्ति की दूरी समायोज्य है। मशीन मैन्युअल रोपण की तुलना में 500 किलोग्राम/हेक्टेयर बीज प्रकंद, संचालन की लागत में 51% और श्रम की आवश्यकता में 88% की बचत करती है। मशीन की लागत और संचालन की लागत क्रमशः 70,000 रुपये और 4000 रुपये/हेक्टेयर है।
पीएयू, लुधियाना केंद्र द्वारा मैट प्रकार की धान की नर्सरी के लिए एक ट्रैक्टर चालित सीडर विकसित किया गया है, जो एक पॉलिथीन शीट बिछाने और एक साथ समान बीज प्लेसमेंट के साथ एक मीटर चौड़ी मिट्टी की क्यारी तैयार करने के लिए है। इस मशीन में दो काटने वाली इकाइयाँ, मिट्टी कन्वेयर इकाई, एक स्क्रू कन्वेयर, मिट्टी छानने की प्रणाली, मिट्टी मीटरिंग इकाई, वजन सह गहराई नियंत्रित करने वाले रोलर, पहिए, बीज मीटरिंग इकाई और ग्राउंड व्हील शामिल हैं। मशीन बीज मीटरिंग इकाई द्वारा उचित बीज प्लेसमेंट के साथ-साथ पॉलिथीन शीट पर मिट्टी को काटती है, संप्रेषित करती है, छानती है और मीटर करती है। घूमने वाली ड्राइव के लिए बिजली पीटीओ से ली गई थी और मशीन को खींचने के लिए अड़चन के एक बिंदु पर ट्रैक्टर ड्रॉबार से जोड़ा गया था। 1.7 किमी/घंटा की आगे की गति पर कुल मिलाकर पर्याप्त बीज प्रसार और मिट्टी की चटाई की मोटाई क्रमशः 92% और 88.9% थी। मशीन की फील्ड क्षमता 0.11ha/h थी।
मक्का और कपास दो महत्वपूर्ण फसलें हैं। कपास के बीज की कीमत बहुत अधिक है और इसे सटीक रूप से बोने की आवश्यकता होती है। बीज की बर्बादी और इनपुट लागत को कम करने के लिए एकल बीज लगाना चाहिए। आम तौर पर, यांत्रिक रूप से रोपण के लिए प्लांटर्स की आवश्यकता होती है जो एक ग्राउंड व्हील को जोड़कर संचालित होते हैं जो गियर और चेन और ग्राउंड व्हील के माध्यम से संचालित होता है। जमीन के पहिये के फिसलने से सीड ड्रिल और प्लांटर की बीज दर बदल जाती है। इन समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ बीज मीटरिंग तंत्र की सटीकता में सुधार करने के लिए, पीजेटीएसएयू, हैदराबाद केंद्र ने मक्का और कपास के लिए कम लागत वाला माइक्रोकंट्रोलर आधारित सटीक प्लांटर विकसित किया है। माइक्रोकंट्रोलर संचालित प्लांटर का औसत लापता सूचकांक, एकाधिक सूचकांक और गुणवत्ता फ़ीड सूचकांक 6.6%, 10% और 83.4% है, जबकि ग्राउंड व्हील संचालित प्लांटर का औसत गायब सूचकांक 20.3%, 23.3% और 56.4% है। माइक्रोकंट्रोलर संचालित प्लांटर की क्षेत्र दक्षता और प्रभावी क्षेत्र क्षमता 0.35 हेक्टेयर एच-1 और 77.7% है। माइक्रोकंट्रोलर संचालित प्लांटर की ईंधन खपत 3.5 लीटर एच-1 है।
टीएनएयू, कोयंबटूर केंद्र में एक मल्टी रो रोटरी वीडर विकसित किया गया था। इसका उपयोग खेत की क्षमता बढ़ाने, निराई-गुड़ाई के संचालन में श्रम की आवश्यकता और कठिन परिश्रम को कम करने के लिए राइडिंग टाइप राइस ट्रांसप्लांटर के साथ अटैचमेंट के रूप में किया जाता है। वीडर में मेनफ्रेम, गियर बॉक्स, मुख्य शाफ्ट, रोटरी वीडिंग इकाइयाँ, दो फ्लोट और एक टाइन होते हैं। निराई इकाई के लिए ड्राइव ट्रांसप्लांटर के पावर टेक ऑफ (पीटीओ) से ली जाती है। छह रोटरी निराई इकाइयाँ शाफ्ट पर लगी होती हैं जबकि एक और निराई इकाई गियर बॉक्स के पीछे लगी होती है। ऑपरेशन के एक ही चरण में कुल 7 पंक्तियों को कवर किया जा सकता है। रोटरी यूनिट की चौड़ाई 150 मिमी है। पूरी यूनिट को ट्रांसप्लांटर से आसानी से लगाया और हटाया जा सकता है। विकसित वीडर की क्षेत्र क्षमता 2.5-3.0 हेक्टेयर प्रतिदिन थी। निराई-गुड़ाई से 70% समय की बचत हुई जबकि परिचालन लागत में 68% की बचत हुई।
टीएनएयू, कोयंबटूर केंद्र में एक मिनी ट्रैक्टर संचालित छोटी मूंगफली कंबाइन विकसित की गई थी। कंबाइन में खुदाई इकाई, प्लांट कन्वेयर, पावर ट्रांसमिशन सिस्टम, मूंगफली फली स्ट्रिपर और फली संग्रह बॉक्स शामिल हैं। मूंगफली की खेती के लिए समतल और ऊंची दोनों प्रकार की बिस्तर प्रणाली के लिए उपयुक्त एक सीधा ब्लेड अपनाया गया। कन्वेयर इकाई में स्प्रोकेट के साथ अंतहीन श्रृंखला कन्वेयर की एक जोड़ी होती है। स्ट्रिपिंग सिस्टम में मूंगफली की फली को अलग करने के लिए विपरीत दिशा में दो घूमने वाले ड्रम होते हैं। छीली हुई मूंगफली की फलियों के संग्रह के लिए स्ट्रिपिंग यूनिट के नीचे एक बॉक्स लगाया गया था। खुदाई दक्षता और स्ट्रिपिंग दक्षता क्रमशः 97 और 60 प्रतिशत देखी गई।
टीएनएयू, कोयंबटूर केंद्र में मक्का हार्वेस्टर के पीछे एक स्व-चालित वॉक विकसित किया गया था और इसका उपयोग मक्का के पौधों से मक्का के भुट्टे को तोड़ने और साथ ही पौधों को काटने के लिए किया जाता था। हार्वेस्टर में सर्पिल लगेज रोलर्स की जोड़ी, दो क्षैतिज रोटरी ब्लेड, दो स्टार व्हील, प्लांट गाइड रॉड, कोब कलेक्शन बॉक्स, दो डेप्थ कंट्रोल व्हील और एक प्राइम मूवर शामिल हैं। हार्वेस्टर की क्षेत्र क्षमता 0.19 हेक्टेयर h-1 थी और मक्का हार्वेस्टर के संचालन की लागत 2842 रुपये प्रति हेक्टेयर थी। संचालन, समय और श्रम की लागत में क्रमशः 25, 96 और 91 प्रतिशत की बचत पाई गई।
पीएयू, लुधियाना केंद्र में गीली घास वाले खेतों के लिए एक ट्रैक्टर संचालित टर्बो बंड विकसित किया गया है। गीली घास वाले खेतों के लिए ट्रैक्टर चालित टर्बो बंड पूर्व में पीएयू, लुधियाना केंद्र में विकसित किया गया था। इसमें मल्चर, रोटावेटर और बंड पूर्व इकाई एक साथ काम करती है। जुताई की गई मिट्टी को ले जाने और उसे मेड़ के रूप में ढेर करने के लिए डिस्क को रोटावेटर के ठीक पीछे रखा गया था। डिस्क के केंद्र से 100 मिमी की अवतलता थी ताकि मिट्टी का आसानी से प्रवाह हो सके और इसकी सतह से चिपके बिना इसका मार्गदर्शन किया जा सके। मिट्टी और अवशेषों को आसानी से काटने के लिए डिस्क को 45 डिग्री (डिस्क कोण) पर झुकाया गया। इससे रोटावेटर के सामने की तरफ डिस्क खोलने की चौड़ाई चौड़ी हो गई, जबकि पीछे की तरफ संकरी हो गई। विकसित ट्रैक्टर संचालित बंड पूर्व की प्रभावी क्षेत्र क्षमता 1.5 किमी/घंटा की आगे की यात्रा गति पर 1.28 हेक्टेयर/घंटा पाई गई। पारंपरिक मेड़ बनाने की विधि की तुलना में श्रम में 77.78% की बचत हुई।
एफआईएम (पीएयू, लुधियाना केंद्र) पर एआईसीआरपी द्वारा संग्रह तंत्र के साथ एक ट्रैक्टर संचालित आलू खोदने वाला यंत्र विकसित किया गया है। मशीन तीन ऑपरेशन करती है यानी आलू के कंदों की खुदाई (दो पंक्तियाँ), मिट्टी से आलू को अलग करना और संग्रह इकाई में आलू का संग्रह। मशीन की प्रभावी कार्य चौड़ाई 104 सेमी थी। यह मशीन दोनों प्रकार की मिट्टी के लिए 1.5 किमी/घंटा की आगे की गति और 14 सेमी की ब्लेड गहराई पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती है। प्राप्त परिणाम कट (0.68%), चोट (1.96%), ईंधन की खपत (4.27 एल/घंटा) और रेतीली दोमट मिट्टी के लिए संग्रह (98.78%) और कट (0.71%), चोट (1.95%), ईंधन की खपत ( 4.68 लीटर/घंटा) और दोमट मिट्टी के लिए संग्रह (98.73%)। उपर्युक्त आगे की गति और ब्लेड की गहराई पर औसत क्षेत्र क्षमता और उत्पादन क्षमता 0.12 हेक्टेयर/घंटा, रेतीली दोमट मिट्टी के लिए 2698 किलोग्राम/घंटा और दोमट मिट्टी के लिए 0.112 हेक्टेयर/घंटा, 2685 किलोग्राम/घंटा थी।